पत्नी के प्रति
-------------------
पहले पहल
जब तुम्हें देखा था ,
तुम एक गुलमोहर थी ।
फिर -
तुम पलाश हो गयीं ,
और अब -
सिर्फ एक सुगंध हो तुम,
मेरे भीतर ।
--------------------------
( रचना काल -1966) - कवि श्रीकृष्ण शर्मा
पुस्तक - ''अक्षरों के सेतु '' पृष्ठ -25
sksharmakavitaye.blogspot.in
shrikrishnasharma.wordpress.com
-------------------
पहले पहल
जब तुम्हें देखा था ,
तुम एक गुलमोहर थी ।
फिर -
तुम पलाश हो गयीं ,
और अब -
सिर्फ एक सुगंध हो तुम,
मेरे भीतर ।
--------------------------
( रचना काल -1966) - कवि श्रीकृष्ण शर्मा
पुस्तक - ''अक्षरों के सेतु '' पृष्ठ -25
sksharmakavitaye.blogspot.in
shrikrishnasharma.wordpress.com
No comments:
Post a Comment