( भाग 1 से आगे - )
( 7 )
जो कि जिन्दगी में रहे , हमसे सदा अभिन्न |
( 8 )
मित्र , कहें किससे कि , हम रहे निभाते प्यार |
( 9 )
रास नहीं आये हमें , दुनियाँ के दस्तूर |
( 10 )
चैन नहीं लेने दिया , जिसने दिन औ ' रात |
( 11 )
कसक रही है आज भी , गड़ी हुई वह फाँस |
( 12 )
एक दर्द आँसू बना , एक दर्द संगीत |
( शेष भाग - 3 पर )
- श्रीकृष्ण शर्मा
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पुस्तक - '' मेरी छोटी आँजुरी '' , पृष्ठ - 38 . 39
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