Tuesday, July 14, 2015

गीत संग्रह – ‘’ मेरी छोटी आँजुरी ‘’ से लिया गया गीत – ‘’ मुक्त छन्द के ओ जनक ! ‘’ , (भाग - 1 )









भाग - 1
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( 1 )

भारत में जन्मा बढ़ा, जो भी रचनाकार ।
हाथों में उसने रखे , अपने हाथ अंगार । । 


( 2 )

कहाँ गढ़ा कोला , कहाँ हैं महिषादल ग्राम । 
सूर्यकान्त की क्रान्ति से , हैं दोनों सरनाम । । 

( 3 )

भोले बचपन से छिने , ममता और दुलार । 
तरुणायी में प्रियतमा , की बाँहों का हार । । 

( 4 )

जख्म गरीबी ने दिये , रह जीवन भर साथ । 
दुखी व्यथाओं ने नहीं , छोड़ा क्षण को साथ । । 

( 5 )

फूलों सा नवनीत मन , वज्र - सरीखी देह । 
अग्नि - हृदय , आँसू नयन , स्वाभिमान के गेह । । 

( 6 )

' महाप्राण ' को बांधकर , नहीं रख सके ' वाद ' । 
सच तो ये है ' वाद ' भी , हैं सब उनके बाद । । 

( शेष भाग - 2 पर )
                                               - श्रीकृष्ण शर्मा 

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पुस्तक -  '' मेरी छोटी आँजुरी ''  ,  पृष्ठ - 30















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