भाग - 1
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( 1 )
भारत में जन्मा बढ़ा, जो भी रचनाकार ।
हाथों में उसने रखे , अपने हाथ अंगार । ।
( 2 )
कहाँ गढ़ा कोला , कहाँ हैं महिषादल ग्राम ।
सूर्यकान्त की क्रान्ति से , हैं दोनों सरनाम । ।
( 3 )
भोले बचपन से छिने , ममता और दुलार ।
तरुणायी में प्रियतमा , की बाँहों का हार । ।
( 4 )
जख्म गरीबी ने दिये , रह जीवन भर साथ ।
दुखी व्यथाओं ने नहीं , छोड़ा क्षण को साथ । ।
( 5 )
फूलों सा नवनीत मन , वज्र - सरीखी देह ।
अग्नि - हृदय , आँसू नयन , स्वाभिमान के गेह । ।
( 6 )
' महाप्राण ' को बांधकर , नहीं रख सके ' वाद ' ।
सच तो ये है ' वाद ' भी , हैं सब उनके बाद । ।
( शेष भाग - 2 पर )
- श्रीकृष्ण शर्मा
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पुस्तक - '' मेरी छोटी आँजुरी '' , पृष्ठ - 30
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