भाग -1 से आगे का -
( 1 )
' उनकी ' हो जिस पर कृपा , उनके माथे ताज ।
क्या था , लेकिन हो गया , क्या से क्या ' वह ' आज । ।
( 2 )
कल तक जो कि अतर्क्य था , आज हो गया तर्क ।
आस्थाओं का अब यहाँ होगा बेडा गर्क । ।
( 3 )
गिला नहीं , शिकवा नहीं और नहीं अफसोस ।
लिया , दिया या जो किया , अच्छा या कि सदोष । ।
( 4 )
कहते हैं , होता न कुछ , तेरे बिन संकेत ।
भले - बुरे हर कर्म का , फिर मैं क्या तू हेत । ।
- श्रीकृष्ण शर्मा
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पुस्तक - '' मेरी छोटी आँजुरी '' , पृष्ठ - 24
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