Friday, July 17, 2015

पुस्तक ( गीत संग्रह ) - '' बोल मेरे मौन '' से लिया गया गीत - '' कौन तुम हो ? ''









आज भी क्यों मौन तुम हो ?

क्यों उमड़ता दर्द मेरे वास्ते ही ?
जबकि मेरे बंद हैं सब रास्ते ही । 
क्यों घुमड़ते आ रहे हो बादलों - से ?
तप रहे जब प्राण ज्यादा मरुथलों - से । 

प्रीति बरसा क्यों रहे हो 
जिन्दगी पर ?
नेह के जलधर ,
बताओ , कौन तुम हो ?
आज भी जो  मौन तुम हो !

आज भी क्यों मौन तुम हो ?


                                       - श्रीकृष्ण शर्मा 

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पुस्तक -  '' बोल मेरे मौन ''  ,  पृष्ठ - 18









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