Wednesday, July 22, 2015

पुस्तक ( दोहा -संग्रह ) - '' मेरी छोटी आँजुरी '' के शीर्षक - '' कविता का सिरमौर '' से लिए गये दोहे - ( भाग - 2 )









( भाग - 1 का शेष - )

( 7 )

तेरह - ग्यारह की जगह , ग्यारह - तेरह मान । 
दोहे की मात्रा उलट , बने सोरठा जान । । 

( 8 )

रोला के प्रारम्भ में , हो दोहा का योग । 
' कुण्डलिया ' के नाम हैं , ये जुड़वाँ संयोग । । 

( 9 )

सूक्ति और सिद्धान्त हैं , है अनुभव का सार । 
जन - मन में है घर किये , दोहों का संसार । । 

( 10 )

सन्त कबीर व जायसी , तुलसी और रहीम । 
सुकवि बिहारी लाल - ये दोहा की हैं सीम । । 

( 11 )

गहन सिन्धु , निस्सीम नभ , दोहा द्विपद अनन्य । 
भाव - कल्पना , शिल्पगत कौशल , कहन अवर्ण्य । । 


                                           - श्रीकृष्ण शर्मा 

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पुस्तक - '' मेरी छोटी आँजुरी ''  ,  पृष्ठ - 32 , 33




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