तक कर हुए चकोर !
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तुमको रहे अगोर नैन दो !
दूर - दूर तक भटक - भटक कर ,
आँज - आँज कर सिर्फ रात भर ;
तक कर हुए चकोर नैन दो !
तुमको रहे अगोर नैन दो !
थक कर चूर - चूर है अब दिन ,
स्याह - स्याह होता हर पल - छिन ;
दिए दर्द में बोर नैन दो !
तुमको रहे अगोर नैन दो !
बूँद - बूँद कब होंगे बादल ?
धान - धान कब होगा आँचल ?
कब हो शरद - अँजोर नैन दो ?
तुमको रहे अगोर नैन दो !
- श्रीकृष्ण शर्मा
( कृपया इसे पढ़ कर अपने विचार अवश्य लिखें | आपके विचारों का स्वागत है| धन्यवाद | )
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पुस्तक - '' फागुन के हस्ताक्षर '' , पृष्ठ - 33sksharmakavitaye.blogspot.in
shrikrishnasharma.wordpress.com
सुनील कुमार शर्मा
पी . जी . टी . ( इतिहास )
पुत्र – स्व. श्री श्रीकृष्ण शर्मा ,
जवाहर नवोदय विद्यालय ,
पचपहाड़ , जिला – झालावाड़ , राजस्थान .
पिन कोड – 326512
फोन नम्बर - 9414771867
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