Monday, August 24, 2015

पुस्तक (गीत - संग्रह ) - '' बोल मेरे मौन '' से लिया गीत --- '' प्रीति का त्यौहार ''









चल रहा है भूमि का 
औ ' व्योम का अभिसार !!

आज मन की सतह से 
ऊपर रही उठ याद ,
झाँकती है स्नेह - बदली 
एक युग के बाद ;

प्रीति का त्यौहार 
ये बरसात ,

दूर नभ को चूमता है ,
जब किसी का प्यार !

चल रहा है भूमि का 
औ ' व्योम का अभिसार !!


                        - श्रीकृष्ण शर्मा 

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पुस्तक - '' बोल मेरे मौन ''  ,  पृष्ठ - 41









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