सच है , आज अँधेरे में हम !!
रचा कभी उजियारा हमने ,
आज मानसी घेरे में हम !
सच है , आज अँधेरे में हम !!
जुगनू अब अम्बर हथियाए ,
अंधों ने सूरज लतियाए
बौने शीर्ष शिखर कब्जाए ,
किन्तु जीत कर भी हम हारे ,
उफ़ , गूँगों - बहरों के द्वारे ,
इस दुनियाबी खेरे में हम !
सच है , आज अँधेरे में हम !!
- श्रीकृष्ण शर्मा
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पुस्तक - '' बोल मेरे मौन '' , पृष्ठ - 37
- श्रीकृष्ण शर्मा
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पुस्तक - '' बोल मेरे मौन '' , पृष्ठ - 37
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