Thursday, August 20, 2015

पुस्तक ( गीत - संग्रह ) - '' बोल मेरे मौन '' से लिया गीत --- '' अँधेरे में हम ''










सच है , आज अँधेरे में हम !!

रचा कभी उजियारा हमने ,
आज मानसी घेरे में हम !
सच है , आज अँधेरे में हम !!

जुगनू अब अम्बर हथियाए ,
अंधों ने सूरज लतियाए 
बौने शीर्ष शिखर कब्जाए ,

किन्तु जीत कर भी हम हारे ,
उफ़ , गूँगों - बहरों के द्वारे ,
इस दुनियाबी खेरे में हम !

सच है , आज अँधेरे में हम !!


                           - श्रीकृष्ण शर्मा 

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पुस्तक - '' बोल मेरे मौन ''  ,  पृष्ठ - 37










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