Saturday, August 15, 2015

पुस्तक ( गीत - संग्रह ) - बोल मेरे मौन '' से लिया गीत - '' कुछ क्षण के पश्चात ''









दो क्षण बरसा मेह रे !!

किन्तु तरसता रह गया ,
जीवन भर को नेह रे !
दो क्षण बरसा मेह रे !!

सजल - सजल - सी चाँदनी ,
उन्मद - उन्मद रागिनी ,
दाग - दगीला चन्द्रमा ,
मेघिल - तन्द्रिल यामिनी ,

कुछ क्षण के पश्चात ये ,
ढल जायेगी रात ये ,
रह जायेंगे कसकते ,
मन में ये जज्बात ये ,

मिट जायेगी फिर सभी ,
जब सुलगेगी देह रे !
दो क्षण बरसा मेह रे !!


                     - श्रीकृष्ण शर्मा 

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पुस्तक - '' बोल मेरे मौन ''  ,  पृष्ठ - 30









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