प्यार : कुछ मुक्तक - 9
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'' घन - घटा देख नाचता मोर ,
चन्द्र के लिए व्याकुल चकोर ;
पपिहा प्यासा स्वाति के लिए ,
ये आकर्षण प्यार की डोर । ''
- श्रीकृष्ण शर्मा
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पुस्तक - '' चाँद झील में '' , पृष्ठ - 54
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सुन्दर पंक्तियाँ
ReplyDeleteधन्यवाद ओंकार जी
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