आया गीला - गीला मौसम । ।
बूँदा - बाँदी - बौछारों से ,
हुआ बहुत रपटीला मौसम ।
आया गीला - गीला मौसम । ।
धूप बन गई सपना दिन का ,
सूरज का सुख बस पल - छिन का ,
धरती के उदास आँगन में
घुँघरू छनक रहा झिनपिन का ;
इन्द्रधनुष हाथ में उठाए ,
रंग - रँगीले बादल आए ,
पर विधुत की मुस्कानों में ,
बँधता नहीं हठीला मौसम ।
आया गीला - गीला मौसम । ।
- श्रीकृष्ण शर्मा
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पुस्तक - '' बोल मेरे मौन '' , पृष्ठ - 55
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