Tuesday, September 8, 2015

पुस्तक ( गीत - संग्रह ) - '' बोल मेरे मौन '' से लिया गीत --- '' बेतवा नदी बहती ''









बेतवा नदी बहती ,
गाँव के सिवाने पर । 

कँकरीला - पथरीला 
पथ इसका पारदर्श ,
स्फटिक - शुभ्र जल जैसे  -
करता नभ से विमर्श ;

तट पर शिव - मन्दिर है ,
आस - पास जंगल है ,
मानव ही नहीं , ढोर -
डंगर का मंगल है ;

निर्मला - सदानीरा ,
बजा - बजा मंजीरा ;

मंगल - ध्वनि गाती - सी ,
जाती है पी के घर । 

बेतवा नदी बहती ,
गाँव के सिवाने पर । 


                            - श्रीकृष्ण शर्मा 

________________________

पुस्तक - '' बोल मेरे मौन ''   ,  पृष्ठ - 51




No comments:

Post a Comment