Friday, September 4, 2015

पुस्तक ( गीत - संग्रह ) - '' बोल मेरे मौन '' से लिया गीत --- '' सहज न होता ''









सहज न होता दुख का सहना !!

आँखों में आँसुओं को भरना ,
शूलों को हाथों में गहना !
सहज न होता दुख का सहना !!

जब टूटे मनभावन सपना ,
तब अपने मन को सँभालना ,
कोई मीत राह में छूटे ,
तब उसकी सुधियाँ दुलारना ,

बहुत कठिन होता है सुनना 
चुप रहकर अपनी ही कमियाँ ,

पीकर कड़वे घूँट ज़हर के ,
रस की मीठी बातें कहना !
सहज न होता दुख का सहना !!


                             - श्रीकृष्ण शर्मा 

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पुस्तक - '' बोल मेरे मौन ''  ,  पृष्ठ - 47













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