सहज न होता दुख का सहना !!
आँखों में आँसुओं को भरना ,
शूलों को हाथों में गहना !
सहज न होता दुख का सहना !!
जब टूटे मनभावन सपना ,
तब अपने मन को सँभालना ,
कोई मीत राह में छूटे ,
तब उसकी सुधियाँ दुलारना ,
बहुत कठिन होता है सुनना
चुप रहकर अपनी ही कमियाँ ,
पीकर कड़वे घूँट ज़हर के ,
रस की मीठी बातें कहना !
सहज न होता दुख का सहना !!
- श्रीकृष्ण शर्मा
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पुस्तक - '' बोल मेरे मौन '' , पृष्ठ - 47
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