Saturday, October 31, 2015

'' सूर्यपुत्र होकर '' नामक गीत ,कवि स्व. श्री श्रीकृष्ण शर्मा के गीत - संग्रह - '' बोल मेरे मौन '' से लिया गया है -









ऐसे क्यों उदास हो भाई ?

सूर्यपुत्र होकर क्यों तम के 
आगे यों हताश हो भाई ?
ऐसे क्यों उदास हो भाई ?

देखो , देखो फूल हँस रहे 
घिर शूलों के चक्रव्यूह में ,
देखो , झाँक रहा है अँखुआ 
इस पथरीले वज्र ढूह में ;

देखो , ग्रीष्म हो चला सावन ,
पतझर होता जाता फागुन ;

किन्तु तुम्हीं क्यों पाले बैठे ,
पीड़ा और त्रास हो भाई ?
ऐसे क्यों उदास हो भाई ?


                                    - श्रीकृष्ण शर्मा 

__________________________
पुस्तक - '' बोल मेरे मौन ''  ,  पृष्ठ - 80

सुनील कुमार शर्मा  
पुत्र –  स्व. श्रीकृष्ण शर्मा ,
जवाहर नवोदय विद्यालय ,
पचपहाड़ , जिला – झालावाड़ , राजस्थान .
पिन कोड – 326512
फोन नम्बर - 9414771867



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