Wednesday, October 14, 2015

'' गीत लिक्खे हैं ! '' नामक गीत , कवि स्व. श्रीकृष्ण शर्मा के गीत - संग्रह '' बोल मेरे मौन '' से लिया गया है -









गीत लिक्खे हैं मैंने आँसुओं से पीड़ा के ,
दर्द इस ज़िन्दगी का अक्षरों में ढाला है ,
आँधियों से भरी काली - अँधेरी रातों में 
काँपते हाथों से गीतों का दिया बाला है । 

इनमें बुनता रहा हूँ सपने में भविष्यत् के ,
इनमें देखी गरीब भूख की मैंने रोटी ,
इनमें बेरोज़गार बेटे की मजबूरी है ,
इनमें बीमार बेवा माँ की है किस्मत खोटी । 

देखता हूँ मैं धूप में सिसकती नाकामी ,
किन्तु जिये जा रही है जिन्दगी जहर पीती । 
मुश्किलों , जुल्मों , अभावों में बुझ नहीं पायी ,
एक अरुणाली सुबह राख में अब भी जीती। 


                                                     - श्रीकृष्ण शर्मा 

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पुस्तक - '' बोल मेरे मौन ''  ,  पृष्ठ - 68

सुनील कुमार शर्मा  
पुत्र –  स्व. श्रीकृष्ण शर्मा ,
जवाहर नवोदय विद्यालय ,
पचपहाड़ , जिला – झालावाड़ , राजस्थान .
पिन कोड – 326512
फोन नम्बर - 9414771867

sksharmakavitaye.blogspot.in
shrikrishnasharma.wordpress.com


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