वर्षों बीतीं रात झेलते ,
अँधियारा देह से बेलते ;
धूप खिलाने को दीपक पर ,
हम सूरज से रहे खेलते !
उजियारे को रहे काटते ,
किरणों के पर रहे छाँटते ;
कुछ पल चकाचौंध की ख़ातिर ,
सिर्फ़ कुमकुमें रहे बाँटते !
सम्बन्धों के फूल तोड़ते ,
जलते हुए पहाड़ ओढ़ते ;
चन्द काग़जों की सुर्ख़ी पर
साँस - साँस को हैं निचोड़ते !
कैसा है यह सृजन हमारा ,
नागफनी है द्वारे ?
कैसा है ये हवन हमारा
वर पाकर भी हारे ?
- श्रीकृष्ण शर्मा
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पुस्तक - '' बोल मेरे मौन '' , पृष्ठ - 87
सुनील कुमार शर्मा
पुत्र – स्व. श्रीकृष्ण शर्मा ,
जवाहर नवोदय विद्यालय ,
पचपहाड़ , जिला – झालावाड़ , राजस्थान .
पिन कोड – 326512
फोन नम्बर - 9414771867
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