सुख छोड़ो , पीड़ाएँ ओढ़ी ,
ये अंधी राहें उजराएँ । ।
हमने तो सपने देखे थे
मरुथल बन जाए वृन्दावन ,
पतझर के उदास आँगन में
झूम - झूम कर गाए फागुन ;
गुमसुम होकर हवा न बैठे ,
बन्दी होकर नहीं रोशनी ;
लाल आँच आँखों से जोड़ी ,
किरणें आकर सुबह जगाएँ ।
सुख छोड़ो , पीड़ाएँ ओढ़ी ,
ये अंधी राहें उजराएँ । ।
- श्रीकृष्ण शर्मा
_________________________
पुस्तक - '' बोल मेरे मौन '' , पृष्ठ - 83
सुनील कुमार शर्मा
पुत्र – स्व. श्रीकृष्ण शर्मा ,
जवाहर नवोदय विद्यालय ,
पचपहाड़ , जिला – झालावाड़ , राजस्थान .
पिन कोड – 326512
फोन नम्बर - 9414771867
No comments:
Post a Comment