Saturday, January 9, 2016

'' दर्द क्यों बोये ? '' नामक नवगीत , कवि स्व, श्री श्रीकृष्ण शर्मा के नवगीत संग्रह - '' अँधेरा बढ़ रहा है '' से लिया गया है -









आस्था की बाँसुरी पर स्वर सँजोये ,
बन्धु , तुमने दर्द क्यों बोये ?

          भिगोये किस निराशा के चरण तुमने ?
          वरण तुमने हताशा का किया है क्यों ?
          थके औ ' लड़खड़ाते पग , झुका मस्तक ,
          पराजय को किया है क्यों नमन तुमने ?

न पहले सर्ग का प्रारम्भ हो पाया ,
सहज आवेग वर्णों में न उतराया । 
वसन्तों - पतझरों से भरे जीवन का ,
सभी रँग - गंध - अनुभव रहा अनगाया । 

          मगर तुम मंगलाचरणी पदों के ही ,
          निरर्थक और ठन्डे स्वरों में खोये !
          बन्धु , तुमने दर्द क्यों बोये ,
          आस्था की बाँसुरी पर स्वर सँजोये ?


                              - श्रीकृष्ण शर्मा 

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पुस्तक - '' अँधेरा बढ़ रहा है ''  ,  पृष्ठ - 39

sksharmakavitaye.blogspot.in
shrikrishnasharma.wordpress.com

सुनील कुमार शर्मा  
पुत्र –  स्व. श्री श्रीकृष्ण शर्मा ,
जवाहर नवोदय विद्यालय ,
पचपहाड़ , जिला – झालावाड़ , राजस्थान .
पिन कोड – 326512
फोन नम्बर - 9414771867

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