Tuesday, January 19, 2016

'' चलता दिन थमा '' नामक नवगीत , कवि स्व. श्री श्रीकृष्ण शर्मा के नवगीत संग्रह - अँधेरा बढ़ रहा है '' से लिया गया है -









        उजियारा गिरा ,
        थका - हारा । 

चलता दिन थमा ,
हवा सुट्ट खड़ी ,
भुच्च अँधेरे की 
वह धौल पड़ी ,
        छूट गया ,
        हाथों से पारा । 
उजियारा गिरा ,
थका हारा । 

किरचों - किरचों 
चुप्पी बिखरी ,
शातिर सन्नाटे की 
ठकुराइस पसरी ,
        पर ढिबरी धुँधुआती,
        आँखों ले भिनसारा । 
 उजियारा गिरा ,
थका हारा । 


                    - श्रीकृष्ण शर्मा 

( कृपया इसे पढ़ कर अपने विचार अवश्य लिखें | आपके विचारों का स्वागत है | धन्यवाद | )
____________________
पुस्तक - '' अँधेरा बढ़ रहा है ''  ,  पृष्ठ - 40

sksharmakavitaye.blogspot.in
shrikrishnasharma.wordpress.com

सुनील कुमार शर्मा  
पुत्र –  स्व. श्री श्रीकृष्ण शर्मा ,
जवाहर नवोदय विद्यालय ,
पचपहाड़ , जिला – झालावाड़ , राजस्थान .
पिन कोड – 326512
फोन नम्बर - 9414771867

No comments:

Post a Comment