Monday, January 25, 2016

'' नहीं ये वो देश '' नामक नवगीत , कवि स्व. श्री श्रीकृष्ण शर्मा के नवगीत संग्रह - '' एक नदी कोलाहल '' से लिया गया है -









नहीं , नहीं ,
नहीं ये वो देश ,
जिसके स्वप्न लिए आये हम !

पागलों - से बिफरते तूफान ,
बर्बर बाढ़ , ख़ूनी जंगलों से ,
ओफ़ , भूखे , आग खाते ,
जानलेवा मरुथलों से ;

- आ गये जीवित यहाँ तक 
सिर्फ़ था आवेश ,
जो पत्थर - सरीखे 
हम गये न जम !

सामने परिदृश्य में 
फूहड़ - छिछोरी दौड़ ,
पीछे छूटती जातीं ऋचाएँ ,
अहम् की सुविधा भरी हैं 
धूर्त - कायर मंत्रणाएँ ;

- बेरहम , त्रासद , जरायम 
औ ' बधिर परिवेश ,
सहते हम विवश ,
निरुपाय , अक्षम !


                   - श्रीकृष्ण शर्मा 

( कृपया इस नवगीत को  पढ़ कर अपने विचार अवश्य लिखें | आपके विचारों का स्वागत है | धन्यवाद | )
____________________
पुस्तक - '' एक नदी कोलाहल ''  ,  पृष्ठ - 42

sksharmakavitaye.blogspot.in
shrikrishnasharma.wordpress.com

सुनील कुमार शर्मा 
पी . जी . टी . ( इतिहास ) 
पुत्र –  स्व. श्री श्रीकृष्ण शर्मा ,
जवाहर नवोदय विद्यालय ,
पचपहाड़ , जिला – झालावाड़ , राजस्थान .
पिन कोड – 326512
फोन नम्बर - 9414771867


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