Monday, January 11, 2016

'' दुपहर सर्द खड़ी '' नामक नवगीत , स्व. श्री श्रीकृष्ण शर्मा के नवगीत - संग्रह - '' एक अक्षर और '' से लिया गया है -









           बेहद ठण्डा मौसम । 

           सुबह शबनमी ,
           दिन है कुहरिल 
           सन्ध्या की चौपालों बैठी 
           रातों की महफिल ,
लेकिन रात ,
पुरानी इमली पर भूतों का वहम । 
           बेहद ठण्डा मौसम । 

           धूप पोर भर ,
           तरुण सियाही ,
           दुपहर सर्द खड़ी 
           सूरज की देती नहीं गवाही ,
किरनें भरतीं 
ध्रुव प्रदेश के रिक्त पड़े कौलम । 
           बेहद ठण्डा मौसम । 

           हवा सुई हो गयी 
           ठिठुर कर ,
           फैल गये हाशिये शीत के 
           सारी काया पर ,
लगता जैसे 
किसी फ्रीज में बन्द रह गये हम । 
           बेहद ठण्डा मौसम । 


                    - श्रीकृष्ण शर्मा 

( कृपया इस नवगीत को  पढ़ कर अपने विचार अवश्य लिखें | आपके विचारों का स्वागत है | धन्यवाद | )
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पुस्तक - '' एक अक्षर और ''  ,  पृष्ठ - 32

sksharmakavitaye.blogspot.in
shrikrishnasharma.wordpress.com

सुनील कुमार शर्मा  
पुत्र –  स्व. श्री श्रीकृष्ण शर्मा ,
जवाहर नवोदय विद्यालय ,
पचपहाड़ , जिला – झालावाड़ , राजस्थान .
पिन कोड – 326512
फोन नम्बर - 9414771867

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