बेहद ठण्डा मौसम ।
सुबह शबनमी ,
दिन है कुहरिल
सन्ध्या की चौपालों बैठी
रातों की महफिल ,
लेकिन रात ,
पुरानी इमली पर भूतों का वहम ।
बेहद ठण्डा मौसम ।
धूप पोर भर ,
तरुण सियाही ,
दुपहर सर्द खड़ी
सूरज की देती नहीं गवाही ,
किरनें भरतीं
ध्रुव प्रदेश के रिक्त पड़े कौलम ।
बेहद ठण्डा मौसम ।
हवा सुई हो गयी
ठिठुर कर ,
फैल गये हाशिये शीत के
सारी काया पर ,
लगता जैसे
किसी फ्रीज में बन्द रह गये हम ।
बेहद ठण्डा मौसम ।
- श्रीकृष्ण शर्मा
( कृपया इस नवगीत को पढ़ कर अपने विचार अवश्य लिखें | आपके विचारों का स्वागत है | धन्यवाद | )
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पुस्तक - '' एक अक्षर और '' , पृष्ठ - 32
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सुनील कुमार शर्मा
पुत्र – स्व. श्री श्रीकृष्ण शर्मा ,
जवाहर नवोदय विद्यालय ,
पचपहाड़ , जिला – झालावाड़ , राजस्थान .
पिन कोड – 326512
फोन नम्बर - 9414771867
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