Saturday, January 23, 2016

'' उजड़ी राह चल रहा '' नामक नवगीत , स्व. श्री श्रीकृष्ण शर्मा के नवगीत संग्रह - '' एक अक्षर और '' से लिया गया है -









गुनहगार है चाँद , कि जिसने स्वप्न मुझे दे डाले 
उससे ज्यादा गुनहगार मैं , लगा न पाया ताले। 

गीत बड़े ही चोर कि मन की गाँठ खोल लेते हैं 
गोपन रख पाते न प्राण में ,सभी बोल देते हैं ,
मेरी कमजोरी के हैं ये लगे हुए परनाले ,
करें उजागर कलुष कि मैंने ऐसे दीपक वाले। 

गुनहगार है चाँद , कि जिसने स्वप्न मुझे दे डाले ,
उससे ज्यादा गुनहगार मैं , लगा न पाया ताले। 

यह कलमुँही रात फिर  कैसे बन ठन करके आयी ,
साथ चाँदनी के फिर लौटी गयी हुई परछाँई ,
अन्धी बहरी नींद बुन रही इन्द्रधनुष के जाले ,
उलझ गये हैं छाया छवि में मन के साये काले। 

गुनहगार है चाँद , कि जिसने स्वप्न मुझे दे डाले 
उससे ज्यादा गुनहगार मैं , लगा न पाया ताले। 

दूर पहाड़ी पर वह बादल अब थक कर सोता है ,
सन्नाटे में कोई आवारा कुत्ता रोता है ,
उचट रहा जी , कोई देगा क्या हाथों के झाले ?
उजड़ी राह चल रहा , कोई कब तक भला सँभाले ?

गुनहगार है चाँद , कि जिसने स्वप्न मुझे दे डाले 
उससे ज्यादा गुनहगार मैं , लगा न पाया ताले। 


                                      - श्रीकृष्ण शर्मा 


( कृपया इसे पढ़ कर अपने विचार अवश्य लिखें | आपके विचारों का स्वागत है | धन्यवाद | )
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पुस्तक - '' एक अक्षर और ''  ,  पृष्ठ - 36


सुनील कुमार शर्मा  
पुत्र –  स्व. श्री श्रीकृष्ण शर्मा ,
जवाहर नवोदय विद्यालय ,
पचपहाड़ , जिला – झालावाड़ , राजस्थान .
पिन कोड – 326512
फोन नम्बर - 9414771867




3 comments:

  1. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल सोमवार (25-01-2016) को "मैं क्यों कवि बन बैठा" (चर्चा अंक-2232) पर भी होगी।
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  2. सुन्दर नवगीत । आपके ब्लॉग में आके अच्छा लगा । खासकर नवोदय विद्यालय का नाम देखकर । क्योंकि मैं भी नवोदय विद्यालय का छात्र रहा हूँ, झारखण्ड में ।

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  3. आपके ब्लॉग को अपने ब्लॉग संकलक में शामिल कर लिया है ।
    http://pksahni.blogspot.com

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