Tuesday, November 3, 2015

ज्योति गीत ( दो ) - '' मांगलिक ऋचाएँ गा लें ! '' नामक नवगीत , कवि स्व. श्रीकृष्ण शर्मा के नवगीत - संग्रह - '' अँधेरा बढ़ रहा है '' से लिया गया है -









 सूरज 
ब्लैकहोल में डूबा ,
दिन अधमरा पड़ा ,
अपना जाना - पहचाना सब ,
अन्धकार में गड़ा !

        नील भित्ति में 
        जड़े हुए हैं
        मटमैले - से काँच,
        काल रात्रि में 
        दफ़्न हुई - सी 
        है जीवन की आँच !

बालो तुम 
चौमुखा दीप इक ,
एक दीप हम बालें ,
गहन तिमिर को 
किरनों  - जैसा ,
आओ चलो खंगालें !

       ज्योति - पर्व पर 
       उजियारी गंगा में 
       चलो नहा लें ,
       स्वस्तिक - चौक - माँड़ने रच ,
       मांगलिक ऋचाएँ गा लें ! 


                                    - श्रीकृष्ण शर्मा 

__________________________
पुस्तक - '' अँधेरा बढ़ रहा है ''  ,  पृष्ठ - 87 , 88

सुनील कुमार शर्मा  
पुत्र –  स्व. श्रीकृष्ण शर्मा ,
जवाहर नवोदय विद्यालय ,
पचपहाड़ , जिला – झालावाड़ , राजस्थान .
पिन कोड – 326512
फोन नम्बर - 9414771867

shrikrishnasharma.wordpress.com

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