सूरज
ब्लैकहोल में डूबा ,
दिन अधमरा पड़ा ,
अपना जाना - पहचाना सब ,
अन्धकार में गड़ा !
नील भित्ति में
जड़े हुए हैं
मटमैले - से काँच,
काल रात्रि में
दफ़्न हुई - सी
है जीवन की आँच !
बालो तुम
चौमुखा दीप इक ,
एक दीप हम बालें ,
गहन तिमिर को
किरनों - जैसा ,
आओ चलो खंगालें !
ज्योति - पर्व पर
उजियारी गंगा में
चलो नहा लें ,
स्वस्तिक - चौक - माँड़ने रच ,
मांगलिक ऋचाएँ गा लें !
- श्रीकृष्ण शर्मा
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पुस्तक - '' अँधेरा बढ़ रहा है '' , पृष्ठ - 87 , 88
सुनील कुमार शर्मा
पुत्र – स्व. श्रीकृष्ण शर्मा ,
जवाहर नवोदय विद्यालय ,
पचपहाड़ , जिला – झालावाड़ , राजस्थान .
पिन कोड – 326512
फोन नम्बर - 9414771867
shrikrishnasharma.wordpress.com
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