Tuesday, November 17, 2015

'' अँधेरे में हम '' नामक नवगीत , स्व. श्री श्रीकृष्ण शर्मा के नवगीत - संग्रह - '' अँधेरा बढ़ रहा है '' से लिया गया है -









सच है , आज अँधेरे में हम !!

रचा कभी उजियारा हमने ,
आज मावसी घेरे में हम !
सच है , आज अँधेरे में हम !!

            जुगनू अब अम्बर हथियाये ,
            अंधों ने सूरज लतियाये ,
            बौने शीर्ष शिखर कब्जाये ,

            किन्तु जीत कर भी हम हारे ,
            उफ़ , गूँगों  - बहरों के द्वारे ,

इस दुनियावी खेरे में हम !
सच है , आज अँधेरे में हम !!


                               - श्रीकृष्ण शर्मा 

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पुस्तक - '' अँधेरा बढ़ रहा है ''  ,  पृष्ठ - 19

sksharmakavitaye.blogspot.in
shrikrishnasharma.wordpress.com

सुनील कुमार शर्मा  
पुत्र –  स्व. श्री श्रीकृष्ण शर्मा ,
जवाहर नवोदय विद्यालय ,
पचपहाड़ , जिला – झालावाड़ , राजस्थान .
पिन कोड – 326512
फोन नम्बर - 9414771867

2 comments:

  1. सच है , आज अँधेरे में हम !!...अधूरा वाक्य है ..रचा कभी उजियारा हमने ,...क्या उजियारा रचने-रचाने की वस्तु है...अस्पष्ट शब्दावली है ...वस्तुतः यह नवगीत विधा की ही कमी है ..अस्पष्टता ..

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  2. श्याम जी कविताओं में भाव होते हैं | कल्पनाएँ होती हैं | अलंकार होते हैं

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