Sunday, November 15, 2015

'' सन्ध्या - दो '' नामक नवगीत , कवि स्व. श्री श्रीकृष्ण शर्मा के नवगीत - संग्रह - '' अँधेरा बढ़ रहा है '' से लिया गया है -









         सन्ध्या के संग मिटा ,
         सूरज का स्वर्ण - लेख । 

डूब गयी सबकी सब 
बस्ती काले जल में ,
उलझा रह गया शिखर 
मन्दिर का बादल में । 
         यात्राएँ ठहर गयीं 
         सड़कें अधरंग देख । 

नीड़ों में सोयी है 
अब थकान दिन भर की ,
जाग रहा सिर्फ दिया 
आस सँजो घर भर की । 
         सन्नाटा बजता है ,
         रातों की लिये टेक । 

धरती का उजियारा 
हथियाया तारों ने ,
गठियाये सपने सब 
धूर्त औ  ' लबारों ने ,
         उफ़ , पिशाच - सीनों में ,
         गड़ी नहीं किरन - मेख ।  


                                  - श्रीकृष्ण शर्मा 

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पुस्तक - '' अँधेरा बढ़ रहा है ''  ,  पृष्ठ - 17

सुनील कुमार शर्मा  
पुत्र –  स्व. श्रीकृष्ण शर्मा ,
जवाहर नवोदय विद्यालय ,
पचपहाड़ , जिला – झालावाड़ , राजस्थान .
पिन कोड – 326512
फोन नम्बर - 9414771867


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