बैठो तो तनिक पास !!
गुज़र रहे पल यों ही ,
कर लें हम इन्हें ख़ास !
बैठो तो तनिक पास !!
नौंन - तेल - लकड़ी के
माया - वन में उलझे ,
ज्ञात नहीं रूप - रंग -
रस के कब वृक्ष सजे ,
अब तो सब जल - जल कर ,
हैं बुझे - बुझे पलास !
बच्चों के हित रीती
जीवन की सब केसर ,
पिघल गया सोना सब
काया का भर - दुपहर ,
एकान्तों रहा सदा
चिन्ताओं का निवास !
जिजीविषा के कारण
मन अब भी राग लिये ,
रो - रो कर रोज़ हँसे ,
मर - मर कर रोज़ जिये ,
ऐसे ही अमृत - क्षण ,
छीज चले साँस - साँस !
रिश्ते हम बंजर से
कब तलक निभायेंगे ?
इस उजाड़ ऊसर में
असमय खो जायेंगे ?
लिये हुए आँसू , ग़म ,
सपने टूटे - उदास !
इतनी फुरसत न मिली
कुछ पल अपने होते ,
कुछ कहते , कुछ सुनते ,
इन्द्रधनुष कुछ बोते ,
बन जाते सावन औ '
फागुन हम पुनः काश !
बैठो तो तनिक पास !!
गुज़र रहे पल यों ही ,
कर लें हम इन्हें ख़ास !
बैठो तो तनिक पास !!
- श्रीकृष्ण शर्मा
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पुस्तक - '' अँधेरा बढ़ रहा है '' , पृष्ठ - 49 , 50
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सुनील कुमार शर्मा
पुत्र – स्व. श्री श्रीकृष्ण शर्मा ,
जवाहर नवोदय विद्यालय ,
पचपहाड़ , जिला – झालावाड़ , राजस्थान .
पिन कोड – 326512
फोन नम्बर - 9414771867
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