Saturday, February 20, 2016

'' अय्यारों की बस्ती में '' नामक नवगीत , कवि स्व. श्रीकृष्ण शर्मा के नवगीत संग्रह - '' एक अक्षर और '' से लिया गया है -









हैं बींध रहे दुर्दिन , पर किसको लिखें पाती ?
चौहद्दियों सन्नाटा , हैं  व्यूह तिलिस्माती !!
अय्यारों की बस्ती ये ,
सच की शिनाख़्त मुश्किल ,
है इनमें कौन दर्दी ,
है इनमें कौन क़ातिल ?
एक आँख रो रही है , एक आँख मुस्कराती। 
चौहद्दियों सन्नाटा , है व्यूह तिलिस्माती !! 
इस आग के सफर में 
क्या चीखना चिल्लाना ?
बेरहम हवाओं में 
कुछ और सुलग जाना 
रिश्तों की देहरी पर , तामाशायी बाराती। 
चौहद्दियों सन्नाटा , है व्यूह तिलिस्माती !!
पहरे पर खड़े अन्धे ,
हैं भाँजते तलवारें ,
राजा के भाग्य में हैं ,
बस ख़ौफ , घुटन हारें ,
बंजर उगीं घटनाएँ , जंगल हुए शहराती। 
चौहद्दियों सन्नाटा , है व्यूह तिलिस्माती !!
है दर्द का समन्दर ,
हर साँस - साँस डूबी ,
फिर भी तो जिये जाती ,
ये ज़िन्दगी अजूबी ,
सौं साँसतों कबीरा की साखियाँ बतियातीं। 
चौहद्दियों सन्नाटा , है व्यूह तिलिस्माती !!


                                - श्रीकृष्ण शर्मा 

( कृपया इसे पढ़ कर अपने विचार अवश्य लिखें | आपके विचारों का स्वागत है| धन्यवाद | )
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पुस्तक - '' एक अक्षर और ''  ,  पृष्ठ - 22

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सुनील कुमार शर्मा 
पी . जी . टी . ( इतिहास ) 
पुत्र –  स्व. श्री श्रीकृष्ण शर्मा ,
जवाहर नवोदय विद्यालय ,
पचपहाड़ , जिला – झालावाड़ , राजस्थान .
पिन कोड – 326512
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