Wednesday, February 10, 2016

'' अक्षरों के सेतु '' नामक नवगीत , कवि स्व. श्री श्रीकृष्ण शर्मा के नवगीत संग्रह - '' अँधेरा बढ़ रहा है '' से लिया गया है -









छटपटाती भावनाएँ ,
चेतना - हत कामनाएँ ,
औ ' अपाहिज से पड़े संकल्प। 
घेर कर बैठे 
         फरेबी - स्वार्थी - लोलुप दरिन्दे 
         भेड़िये औ ' सर्प। 

भूख - निर्धनता - अभावों के 
विकट लाक्षागृहों में 
राख होता सूर्य। 
         चक्रव्यूहों में फँसी 
         यह ज़िन्दगी संघर्ष - रत है ,
         आत्म - रक्षा हेतु। 

पर 
कुचक्री सिन्धु के उस पार तक 
निश्चय रचूँगा ,
' अक्षरों के सेतु ' ।  


                     - श्रीकृष्ण शर्मा 

___________________
पुस्तक - '' अँधेरा बढ़ रहा है ''  ,  पृष्ठ - 85

sksharmakavitaye.blogspot.in
shrikrishnasharma.wordpress.com

सुनील कुमार शर्मा 
पी . जी . टी . ( इतिहास ) 
पुत्र –  स्व. श्री श्रीकृष्ण शर्मा ,
जवाहर नवोदय विद्यालय ,
पचपहाड़ , जिला – झालावाड़ , राजस्थान .
पिन कोड – 326512
फोन नम्बर - 9414771867

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