Saturday, November 21, 2015

'' तम में कोई नरभक्षी है '' नामक नवगीत , कवि स्व. श्री श्रीकृष्ण शर्मा के नवगीत - संग्रह - '' अँधेरा बढ़ रहा है '' से लिया गया है -

          यह सूरज है ,
          चित्र - फ़लक तक । 
पेड़ गये 
भीतर बँगलों में ,
सिर्फ़ प्रदूषण है 
कत्लों में । 
          यह है आग 
          कि जिससे बचना ,
          मुश्किल है अब 
उच्च फ़लक तक ।
यह सूरज है … 

शहर नहीं ,
केवल राहें हैं  ,
धुआँ  - धुन्ध है ,
अफवाहें हैं ,
          तम में 
          कोई नरभक्षी है ,
          घूर रहा 
जो हमको अपलक । 
यह सूरज है… 

सुन्दरता 
केवल फरेब है ,
मन बाँधे जो 
पायजेब है ,
         सब डूबे 
         उसके सम्मोहन ,
अपनी खुशियाँ 
सिर्फ़ ललक तक । 

          यह सूरज है ,
          चित्र - फ़लक तक । 


                               - श्रीकृष्ण शर्मा 

_______________________
पुस्तक - '' अँधेरा बढ़ रहा है ''  ,  पृष्ठ - 20 , 21

sksharmakavitaye.blogspot.in
shrikrishnasharma.wordpress.com


सुनील कुमार शर्मा  
पुत्र –  स्व. श्री श्रीकृष्ण शर्मा ,
जवाहर नवोदय विद्यालय ,
पचपहाड़ , जिला – झालावाड़ , राजस्थान .
पिन कोड – 326512
फोन नम्बर - 9414771867

      
          

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