Tuesday, July 28, 2015

पुस्तक गीत - संग्रह ) - '' बोल मेरे मौन '' से लिया गया गीत - '' याद नयन में ''









मुझे किसी की याद नयन में भर लेने दो ! !

भादों के ये मेघ युगों से प्यासे मन पर ,
दो क्षण ही बस मीत और तुम झर लेने दो !
मुझे किसी की याद नयन में भर लेने दो ! !

ज्ञात नहीं किस क्षण जीवन - धारा बह जाये ,
किस क्षण मेरी देह रेत बनकर रह जाये ,
किस क्षण साँस छीने , बुझ जाये दृस्टि -दीप कब ,
किस क्षण मृत्यु विहँस कुछ कानों में कह जाये ,

इसीलिए सब भूल , ह्रदय की इस सीपी में ,
मुझे स्नेह की स्वाँति -बूँद ये धर लेने दो !
मुझे किसी की याद नयन में भर लेने दो ! !


                                         - श्रीकृष्ण शर्मा 

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पुस्तक - '' बोल मेरे मौन ''  ,  पृष्ठ - 24









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