Wednesday, December 16, 2015

'' नाच रहीं मादल पर सुधियाँ '' नामक नवगीत , कवि स्व. श्री श्रीकृष्ण शर्मा के नवगीत संग्रह - '' अँधेरा बढ़ रहा है '' से लिया गया है -









             गुनगुना रही मन में ,
         पीड़ा मीरासिन । 
         नाँच रहीं मादल पर ,
         सुधियाँ संथालिन । 

बैठी है सम्मुख 
उदासी पहाड़िन - सी ,
इच्छाएँ सबकी सब 
बिखरी रेबाड़िन - सी ,
         किन्तु तैर रही होठों ,
         हँसी आदिवासिन । 
         नाँच रहीं मादल पर ....

सान चढ़ी छुरी लिये 
तनहाई बिल्लोचिन ,
बींधती है सुइयों से 
रात भर अघोरिन ,

         देख अकेला मुझको ,
         खायेगी डाकिन । 
         नाँच रहीं मादल पर ,
         सुधियाँ संथालिन । 
         गुनगुना रही मन में ,
         पीड़ा मीरासिन । 


                                  - श्रीकृष्ण शर्मा 

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पुस्तक - '' अँधेरा बढ़ रहा है ''  ,  पृष्ठ - 37 , 38

sksharmakavitaye.blogspot.in
shrikrishnasharma.wordpress.com

सुनील कुमार शर्मा  
पुत्र –  स्व. श्री श्रीकृष्ण शर्मा ,
जवाहर नवोदय विद्यालय ,
पचपहाड़ , जिला – झालावाड़ , राजस्थान .
पिन कोड – 326512
फोन नम्बर - 9414771867

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