Thursday, October 29, 2015

'' बरस रहे चौथे दिन भी घन '' नामक गीत , कवि स्व. श्रीकृष्ण शर्मा के गीत - संग्रह - '' बोल मेरे मौन '' से लिया गया है -









भग्न स्वप्न हैं , मर्माहत मन । । 

कौंध गई आँखों बिजली - सी ,
बरस रहे चौथे दिन भी घन । 
भग्न स्वप्न हैं , मर्माहत मन । । 

सुन्दर - मोहक फूल झर गए ,
इन्द्रधनुष कीच से भर गए ,
नदी चढ़ी अजदहे - सरीखी ,
मुँह में उसके गाँव - घर गए ;

फसल पड़ी परकटे खगों - सी ,
दलदल में धँस रहे पगों - सी ,
देख - देख कर सपने रोए ,
डूब चला है गहरे में मन ;

हाथी - पानी हुए ताल - नद ,
लगता है फट  पड़े मेघ - घन ।  
भग्न स्वप्न हैं , मर्माहत मन । । 


                                      - श्रीकृष्ण शर्मा 

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पुस्तक - '' बोल मेरे मौन ''  ,  पृष्ठ - 56

सुनील कुमार शर्मा  
पुत्र –  स्व. श्रीकृष्ण शर्मा ,
जवाहर नवोदय विद्यालय ,
पचपहाड़ , जिला – झालावाड़ , राजस्थान .
पिन कोड – 326512
फोन नम्बर - 9414771867


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