Wednesday, February 24, 2016

'' घट रही हैं '' नामक नवगीत , कवि स्व. श्री श्रीकृष्ण शर्मा के नवगीत संग्रह - '' अँधेरा बढ़ रहा है '' से लिया गया है -









           घट रही हैं 
           लोमहर्षक 
           रोज़ घटनाएँ। 

चोरियों की ,
लूट की 
तो बात मामूली ,
हो गयी अपहरित 
भोली औ ' सुघर जूली ,
           और 
           चौरस्ते सरेबाज़ार 
           हत्याएँ। 
लग रहा 
हम रह रहे हैं 
एक जंगल में ,
श्वान के स्वर तक 
जहाँ डूबे अमंगल में ,
           प्रश्न 
           कैसे नागपाशों से 
           निकल पाएँ। 


                    - श्रीकृष्ण शर्मा 

( कृपया इसे पढ़ कर अपने विचार अवश्य लिखें | आपके विचारों का स्वागत है| धन्यवाद | )
__________________
पुस्तक - '' अँधेरा बढ़ रहा है ''  ,  पृष्ठ - 54

sksharmakavitaye.blogspot.in
shrikrishnasharma.wordpress.com

सुनील कुमार शर्मा 
पी . जी . टी . ( इतिहास ) 
पुत्र –  स्व. श्री श्रीकृष्ण शर्मा ,
जवाहर नवोदय विद्यालय ,
पचपहाड़ , जिला – झालावाड़ , राजस्थान .
पिन कोड – 326512
फोन नम्बर - 9414771867

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