Friday, June 26, 2015

एक नदी कोलाहल










एक नदी कोलाहल 
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डूबे आवाज़ों में 
उजले स्वर !

एक नदी कोलाहल 
चढ़ा हुआ ,
कुछ भी तो रहा नहीं 
पढ़ा हुआ ;
लगते हैं धुँधलाते 
शुभ अक्षर !

पश्चिम का टाइफून *
ये अथाह ,
पत्थर की नाव लिए 
सार्थवाह ;
थर्राता घर ही क्या 
गाँव - शहर !

                               - श्रीकृष्ण शर्मा 
* टाइफून : पश्चिमी प्रशान्त महासागर में आने वाला तूफ़ान
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पुस्तक - '' एक नदी कोलाहल ''  ,  पृष्ठ - 70









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